सर फ्रेडरिक बैंटिंग (Sir Frederick Banting) शरीर विज्ञान पर अनेक अनुसन्धान करने वाले ये कनाडियन वैज्ञानिक थे जिन्होंने शरीर में चीनी की मात्रा नियंत्रित करने क लिए इन्होंने इन्सुलिन नामक हारमोन की खोज की | अपनी इसी खोज के लिए उन्होंने नोबल पुरुस्कार मिला | फ्रेडरिक बैंटिंग का जन्म 14 नवम्बर 1891 को कनाडा में हुआ था | फ्रेडरिक बैंटिंग (Sir Frederick Banting) के पिता का नाम विलियम थोम्पसन बैंटिंग और माँ का नाम मारग्रेट ग्रांट था और फ्रेडरिक अपने पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे थे |
हारमोन की खोज करने वाले दो वैज्ञानिक थे बैंटिंग और मेकलोइड | मेकलोइड टोरंटो विश्वविद्यालय में शरीर विज्ञान के प्रोफेसर थे | वो मधुमेह रोग से छुटकारा पाने के दिशा में अनुसन्धान कार्य कर रहे थे | इन दोनों वैज्ञानिकों को सन 1921 में इन्सुलिन विकसित करने में सफलता प्राप्त हुयी | उन दिनों विश्व में लगभग 150 करोड़ लोगो को मधुमेह का रोग था | इस रोग से मुक्ति दिलाने में इन्सुलिन ने मदद की | इन दोनों वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से नोबल पुरुस्कार प्रदान किया गया |
बैंटिंग (Sir Frederick Banting) ने अपने नोबल पुरस्कार को वेस्ट के साथ शेयर किया | वेस्ट की उम्र उन दिनों केवल 22 वर्ष की थी | वेस्ट और बैंटिंग कुत्तो को मधुमेह रोग से मुक्त करने के लिए अनुसन्धान कर रहे थे | उन्होंने अपने प्रयोगों के आधार पर यह सिद्ध करके दिखाया कि इन्सुलिन से कुत्तो को ही नही बल्कि मनुष्यों को भी मधुमेह मुक्त किया जा सकता है | एक रोगी जो टोरंटो अस्पताल में इतना कमजोर हो गया था कि वह कुछ खाने की स्थिति में नही था | इसे इन्सुलिन देने पर 24 घंटो में जादुई परिणाम देखने को मिले | वह रोगी इन्सुलिन के इंजेक्शन में बाद भलाचंगा हो गया |
यद्यपि नोबेल पुरुस्कार संयुक्त रूप से बैंटिंग (Sir Frederick Banting) और मेक्लोइड को ही मिला था लेकिन बैंटिंग ने अपने नोबल पुरस्कार की आधी राशि वेस्ट को दे दी | कनाड़ा से नोबल पुरस्कार प्राप्त करने वाले ये पहले व्यक्ति थे | इसके बाद टोरंटो विश्वविद्यालय में आयुर्विज्ञान विभाग में बैंटिंग वेस्ट विभाग स्थापित किया गया | मधुमेह रोगियों को राहत पहुचाने वाले इस महान वैज्ञानिक का देहांत 21 फरवरी 1941 को 49 वर्ष की उम्र में हो गया | इनके मधुमेह रोगियों के लिए किये गये योगदानो को आने वाली सदिया भी नही भुला सकती |
आज की दुनिया में मधुमेह से पीड़ित रोगियों की संख्या बहुत बढ़ गयी है | मधुमेह रोग की चिकित्सा के लिए अज बहुत सी औषधिया उपलब्ध है लेकिन इन्सुलिन हारमोन का अपना अलग ही महत्व है | आज भी इस रोग की विषमता में इन्सुलिन के इंजेक्शन रोगियों को दिए जाते है |